गोल्ड लोन क्या है? गोल्ड लोन के फायदे क्या हैं? गोल्ड लोन Vs पर्सनल लोन
गोल्ड लोन क्या है?
गोल्ड लोन के तहत आप अपना सोना या सोने के आभूषण (जेवर) गिरवी (collateral)रख कर लोन लेते हैं| जब आप लोन का भुगतान कर देते हैं, तो आपका सोना या आभूषण आपको लौटा दिया जाता है| अगर आप लोन का भुगतान नहीं करते, तो बैंक या लोन कंपनी आपके सोने को बेच कर अपना लोन वसूल लेती है| इसी वजह से ऐसा हो सकता है की आपको सिबिल स्कोर (CIBIL score) खराब होने के बावजूद गोल्ड लोन मिल जाए| खराब
सिबिल स्कोर के साथ आपको पर्सनल लोन नहीं मिलेगा|
गोल्ड लोन के फायदे क्या हैं?
गोल्ड लोन क्या है?
गोल्ड लोन के तहत आप अपना सोना या सोने के आभूषण (जेवर) गिरवी (collateral)रख कर लोन लेते हैं| जब आप लोन का भुगतान कर देते हैं, तो आपका सोना या आभूषण आपको लौटा दिया जाता है| अगर आप लोन का भुगतान नहीं करते, तो बैंक या लोन कंपनी आपके सोने को बेच कर अपना लोन वसूल लेती है| इसी वजह से ऐसा हो सकता है की आपको सिबिल स्कोर (CIBIL score) खराब होने के बावजूद गोल्ड लोन मिल जाए| खराब
सिबिल स्कोर के साथ आपको पर्सनल लोन नहीं मिलेगा|
गोल्ड लोन के फायदे क्या हैं?
- गोल्ड लोन बहुत जल्दी मिल जाता है| कुछ लोन कंपनी तो कुछ मिनिटों में लोन देने का दावा करती हैं|
- ज्यादा दस्तावेज जमा करने की भी ज़रुरत नहीं होती|
- ब्याज दर (गोल्ड लोन इंटरेस्ट रेट) एक पर्सनल लोन से कम होगा|
- आपको खराब सिबिल स्कोर (CIBIL score) होने के बावजूद भी गोल्ड लोन मिल सकता है|
- पर्सनल लोन की ही तरह आप लोन राशि को किसी भी कार्य के लिए उपयोग कर सकते हैं|
- ऐसे लोन किए लिए कई बार आपको इनकम proof की भी ज़रुरत नहीं होती| तो आप सैलरी पाते हैं, या सेल्फ-एम्प्लोयेड हैं हैं, आपको गोल्ड लोन लिम सकता है| बस आपके पास सोना होना चाहिए|
- गोल्ड लोन में आपको कितना लोन मिल सकता है? प्रति ग्राम सोने (per gram gold) पर कितना लोन मिलता है? (गोल्ड लोन रेट पर ग्राम)
- यह बैंक या गोल्ड लोन कंपनी पर निर्भर करता है| हर बैंक की अलग पालिसी हो सकती है|
रिज़र्व बैंक के अनुसार बैंक या गोल्ड लोन कंपनी आपके सोने के मूल्य पर अधिकतम 75% तक लोन दे सकते हैं| इसका मतलब Loan-to-Value (LTV) 75% से अधिक नहीं हो सकता| मान लिए आपके पास 100 ग्राम सोने की आभूषण हैं| और सोने का मूल्य 28,000 रुपये प्रति तोला (2,800 रुपये प्रति ग्राम) चल रहा है| आपके सोने का कुल मूल्य हुआ 2 लाख 80 हज़ार रुपये| इसका 75% प्रतिशत हुआ 2 लाख 10 हज़ार रुपये| इसका मतलब आपको इससे ज्यादा लोन नहीं मिल सकता|
- बैंक अपनी पालिसी के अनुसार आपको कम लोन तो दे सकता है पर ज्यादा नहीं|
- बैंक या लोन कंपनी आमतौर पर 60-65% तक के मूल्य पर लोन देती हैं|
- इसके अलावा बैंक की न्यूनतम और अधिकतम लोन राशि की सीमा हो सकती है| इन बातों पर भी खयान दे|
- केवल सोने का मूल्य माना जाता है। अगर आप सोने के आभूषण (जेवर) को गिरवी रखते हैं, तो आभूषण बनाने की कीमत को नहीं गिना जाएगा| लोन आपको केवल सोने के मूल्य पर मिलेगा| साथ ही जड़े हुए हीरे या अन्य पत्थरों की कीमत को भी लोन देने के लिए नहीं गिना जाएगा|
साथ ही, बैंक से सिक्के खरीदने पर भी अधिकतम 50 gram सोने के सिक्कों पर लोन मिल सकता है| हर बैंक में यह सीमा अलग हो सकती है, परन्तु 50 ग्राम से ज्यादा नहीं हो सकती| ध्यान दें सोने के सिक्कों पर गोल्ड लोन की पाबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक ने रखी हैं| गोल्ड लोन के लिए सोने की कीमत क्या मानी जायेगी? (गोल्ड लोन रेट per ग्राम) इस बात पर रिज़र्व बैंक के दिशा-निर्देश हैं|
सोने की कीमत के उद्देश्य के लिए, 22 कैरट सोने (22 carat gold) की समाप्ति मूल्य (closing price) के पिछले 30 दिन का औसत माना जाएगा (average closing price of 22 carat gold at Indian Bullion and Jewellers Association Limited for थे previous 30 days) | यदि सोने की शुद्धता 22 कैरट से कम है, तो सोने का मूल्य भी उसी अनुपात में कम होगा|
आपको लोन लेने किये अपने सोने के आभूषण के साथ-साथ कुछ दतावेज़ भी जमा करने होंगे| मैं कुछ ज़रूरी डॉक्यूमेंट की लिस्ट दे देता हूँ| पूरी लिस्ट आपको बैंक से ही मिलेगी|
- आवेदन पत्र (Application form)
- पहचान पत्र, आपके पते का प्रमाण
- PAN कार्ड
- कुछ फोटो (2)
गोल्ड लोन Vs पर्सनल लोन:
कर्ज लेना है तो पहले समझें दोनों के फायदे और नुकसान
Gold loan vs personal loan:
पर्सनल लोन की अवधि अन्य लोन के मुकाबले कम होती है.
क्रेडिट स्कोर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अगर आप लोन लेने की सोच रहे हैं तो आप अच्छे से जानते होंगे कि लोन मिलना कितना आसान हो गया है. यहां तक की मार्केट में तरह-तरह
के विकल्प मौजूद हैं. बल्कि अब तो घूमने के लिए भी लोन मिलता है. ऐसे में अलग-अलग ऑप्शन में आप पर्सनल लोन और गोल्ड लोन को कम्पेयर कर सकते हैं और देख सकते हैं कौन सा
विकल्प बेहतर है. जानिए गोल्ड लोन और पर्सनल लोन के फायदे और नुकसान और इन्हें पर्सनल लोन से कम्पेयर करें.
गोल्ड लोन:
लोन जल्दी मिलना गोल्ड पर आसानी से कर्ज मिल जाता है. कर्ज लेने के लिए आपको सिर्फ सोना अपने फाइनेंसर के पास गिरवी रखना होता है.KYC के अलावा कुछ फॉर्म भरने के बाद आपको कुछ ही घंटों में लोन मिल जाएगा. यह बात बैंक और फाइनेंसर दोनों पर लागू होती है.
क्रेडिट स्कोर पर कम निर्भर:
कर्ज देते वक्त सभी फाइनेंसर सबसे पहले आपका क्रेडिट स्कोर चेक करते हैं और क्रेडिट स्कोर के आधार पर ही आपकी लोन की अमाउंट और इंटरेस्ट रेट तय करते हैं.
हालांकि गोल्ड लोन देते वक्त भी आपसे आपका क्रेडिट स्कोर पूछा जाता है मगर आपके लोन की अमाउंट आपके द्वारा गिरवी रखे गए सोने पर ही निर्भर करेगी. ऐसे में जिन लोगों
का कम क्रेडिट स्कोर है वह सोने की मदद से आसानी से लोन ले सकते हैं.
सस्ती ब्याज दरें:
गोल्ड लोन में गोल्ड गिरवी रखा जााता है. इसलिए यह सिक्योर्ड लोन की श्रेणी में आता है. सिक्योर्ड लोन होने की वजह अन्य अनसिक्योर्ड लोन के मुकाबले गोल्ड लोन की ब्याज दरें कम होती है.
लचीलापन:
हालांकि कुछ लेंडर्स फ्लेक्सिबल रिपेमेंट टेन्योर के आधार पर लोन देते हैं. इसका मतलब है कि समय के साथ आपका इंटरेस्ट रेट चेंज होता रहता है. ऐसे में यह हो सकता है कि
शुरू में आपको कम ब्याज दरों पर लोन मिले लेकिन बाद में आपको ज्यादा ब्याज चुकाना पड़े.
शुद्धता:
केवल शुद्ध सोने (18 कैरेट और उससे अधिक) को ही ज्यादातर लेंडर्स द्वारा गिरवी जाता है. गिरवी रखते हुए बहुत से सोने जैसे जेम्स/रत्न को शामिल भी नहीं किया जाता है. बहुत से
ज्वैलर्स प्लेटेड ज्वैलरी और ऑक्सीडाइज्ड ज्वैलरी को भी गिरवी नहीं रखते हैं.
सोने की कीमत:
सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव से लोन टू वैल्यू रेशियो (LTV) पर फर्क पड़ सकता है. गोल्ड लोन मौजूदा गोल्ड मार्केट प्राइस के आधार पर दिए जाते हैं और ब्याज की कैलकुलेशन
लोन की अवधि के अनुसार तय की जाती है. सोने के रेट में गिरावट की वजह से ब्याज दरों में भी बदलाव किया जा सकता है. या फिर लेंडर LTV को मेन्टेन करने और ज्यादा सोने को
गिरवी रखने की मांग कर सकता है.
पर्सनल लोन:
आसान प्रोसेस:
पर्सनल लोन अप्लाई करने के 24 घंटे के भीतर आपको लोन मिल जाता है. इस लोन में कम से कम डॉक्यूमेंट्स की मांग की जाती है. पर्सनल लोन में किसी भी तरह की एसेट को गिरवी रखने की मांग नहीं की जाती है.
कार्यकाल:
पर्सनल लोन की अवधि अन्य लोन के मुकाबले कम होती है. इस लोन में आपको फिक्स्ड पेमेंट करनी पड़ती है. यह सुनिश्चित करता है कि गोल्ड लोन की तुलना में आपका लोन जल्द ही चुका दिया जाए, जिसमें आमतौर पर फ्लैक्सिबल पेमेंट ऑप्शन होता है. आप प्री-क्लोजर पेमेंट का भुगतान करने के बाद एक पर्सनल लोन को समय से पहले भी बंद कर सकते हैं.
क्रेडिट स्कोर:
क्रेडिट स्कोर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है: अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं है तो आपको ऊंची दरों पर ब्याज मिलेगा. आपके क्रेडिट स्कोर के हिसाब से आपको कर्ज मिलता है.समय पर EMI भुगतान करने से आप अपना क्रेडिट स्कोर सुधार सकते हैं.
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